उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान हुए विवाद और 5 सदस्यों के कथित अपहरण के मामले में अब पुलिस महकमे में बड़ी कार्रवाई की गई है। चुनाव से ठीक पहले कानून व्यवस्था बिगड़ने और लापरवाही सामने आने पर कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है।
इस मामले में एएसआई उदय सिंह राणा को चुनाव की पूर्व रात ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। वहीं सीओ प्रमोद साह को आईआरबी देहरादून और तल्लीताल एसओ रमेश सिंह बोहरा को अल्मोड़ा ट्रांसफर कर दिया गया है। बवाल के वक्त मूकदर्शक बने रहे कांस्टेबल अमित चौहान को भी निलंबित किया गया है।
इसके अलावा, जिला पंचायत रोड पर ड्यूटी में तैनात एक कांस्टेबल, एक महिला कांस्टेबल और एक अग्निशमन कर्मी को लाइन हाजिर किया गया है। वहीं, मौके पर मौजूद पीएसी जवानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा गया है।
गुरुवार को नैनीताल पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता करते हुए एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि चुनाव के दौरान बिगड़ी स्थिति से पुलिस विभाग की छवि को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एसएसपी ने बताया कि अब तक तल्लीताल थाने में इस मामले से जुड़े 6 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। आरोपियों की पहचान के लिए विशेष टीमें गठित कर दी गई हैं और मौके की वीडियो फुटेज खंगाली जा रही है।
उन्होंने कहा कि चाहे वह ‘रेनकोट गैंग’ हो या कोई भी राजनीतिक दल से जुड़ा व्यक्ति, यदि दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी के पास घटना से जुड़ा वीडियो या कोई अन्य सबूत हो, तो उसे तत्काल पुलिस को सौंपे।