उत्तराखंड में जारी मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पर्वतीय जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे राज्य के कई प्रमुख मार्ग बंद हो गए हैं और चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है।
रुद्रप्रयाग जिले में श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच स्थित सिरोबगड़ क्षेत्र में भारी भूस्खलन हुआ है। पहाड़ी से आया मलबा ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-7) पर आ गिरा, जिससे इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा हटाने का कार्य तेजी से जारी है और संबंधित विभागों की टीमें मौके पर मौजूद हैं।
रुद्रप्रयाग पुलिस ने भूस्खलन की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की है। दिलचस्प बात यह रही कि पुलिस ने क्षेत्रीय भाषा गढ़वाली में भी सूचना प्रसारित की, जिसमें लिखा गया – “सिरोबगड़ मां बाटु बन्द चा।” (सिरोबगड़ में रास्ता बंद है।)
चमोली जिले में नंदप्रयाग के पास बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन की चपेट में आ गया था। भारी बारिश के चलते पहाड़ी से मलबा आने के कारण यह मार्ग कुछ समय के लिए बंद हो गया था। इसके कारण कर्णप्रयाग, चमोली, गोपेश्वर, जोशीमठ और बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
हालांकि राहत की बात यह है कि बीआरओ और प्रशासन की टीमों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मलबा हटाकर मार्ग को खोल दिया है। जोशीमठ से आने वाले यात्रियों के लिए गोपेश्वर होते हुए ऊखीमठ की ओर वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध है।
प्रशासन ने यात्रियों और स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे खराब मौसम को देखते हुए यात्रा से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी अवश्य लें। चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।