उत्तराखंड में एक बार फिर मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश का प्रभाव अब मैदानी इलाकों में भी साफ नजर आने लगा है। नैनीताल जिले के काठगोदाम स्थित गौला बैराज का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और रविवार को इसका डिस्चार्ज 10,000 क्यूसेक के पार पहुंच गया। इससे गौला नदी उफान पर आ गई है, जिससे शहरी और ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल बन गया है।
उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) राहुल शाह ने बताया कि फिलहाल बैराज का जलस्तर नियंत्रण में है, लेकिन मौसम की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शेर नाला और सूर्या नाला समेत संवेदनशील जलधाराओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। राजस्व विभाग के पटवारी, पुलिस बल और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार फील्ड में निगरानी कर रही हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों और नालों के किनारे न जाएं।
रविवार सुबह काठगोदाम थाना क्षेत्र के गुलाब घाटी में तेज बारिश के कारण अचानक पहाड़ से मलबा सड़क पर आ गिरा। मलबे के साथ भारी भरकम चट्टानें भी नीचे आ गईं, जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के समय सड़क पर पर्यटकों से भरी कई गाड़ियां मौजूद थीं। समय रहते कुछ सवारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिससे बड़ी जनहानि टल गई।
उधर, बदरीनाथ हाईवे पर हनुमान चट्टी के पास भारी बारिश के कारण एक पुल की सुरक्षा दीवार बह गई है। प्रशासन ने एहतियातन नौ टन से अधिक भार वाले वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। उप-जिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि वर्तमान में केवल हल्के वाहनों को पुल से गुजरने की अनुमति है। उन्होंने यह भी कहा कि सोमवार से सुरक्षा दीवार के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
प्रशासन ने साफ किया है कि हालात अभी नियंत्रण में हैं, लेकिन तेजी से बदलते मौसम को देखते हुए सतर्कता और राहत कार्यों की तैयारी पूरी रखी गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से जोखिम न लें।