उत्तराखंड सरकार ने इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस को रजत जयंती वर्ष के रूप में मना रही है। इसी के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर सकती हैं। उनके प्रस्तावित दौरे की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं।
राष्ट्रपति सचिवालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. राकेश गुप्ता ने देहरादून में अधिकारियों की बैठक ली और राष्ट्रपति के दौरे से जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया। बैठक में राष्ट्रपति निकेतन और उसके आसपास बन रहे राष्ट्रपति उद्यान सहित अन्य निर्माणाधीन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए। राष्ट्रपति निकेतन परिसर में हॉर्स राइडिंग एरीना और फुट ओवर ब्रिज का निर्माण पूरी तरह से पूरा हो चुका है और इनके जल्द लोकार्पण की संभावना है।
राष्ट्रपति उद्यान, जो 132 एकड़ में बनाया जा रहा है, सुगमता, सततता और सामुदायिक सहभागिता के सिद्धांतों पर आधारित होगा। उद्यान में थीम आधारित फूलों और वनस्पतियों के बाग, तितली गृह, पक्षीशाला, सुरम्य झील और देश का दूसरा सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज स्तंभ प्रमुख आकर्षण होंगे। इसके अलावा पैदल और साइकिल ट्रैक, मुक्ताकाशी रंगमंच (800 लोगों की क्षमता), सार्वजनिक पुस्तकालय और फूड प्लाजा जैसी सुविधाएं भी मौजूद होंगी।
हॉर्स राइडिंग एरीना में आम लोग प्रेजिडेंट्स बॉडीगार्ड के घोड़ों की सवारी और देखभाल के तरीकों का अनुभव ले सकेंगे। राष्ट्रपति सचिवालय के जन संपर्क अधिकारी कुमार समरेश ने बताया कि राष्ट्रपति के दौरे के दौरान इन सुविधाओं का लोकार्पण होने की संभावना है।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 20 जून को राष्ट्रपति निकेतन और राष्ट्रपति तपोवन का लोकार्पण किया था। इन स्थलों पर बीते चार महीनों में क्रमशः 4,753 और 15,567 लोगों ने भ्रमण किया। राष्ट्रपति उद्यान बनने के बाद यहां प्रतिवर्ष लगभग 20 लाख आगंतुक आने का अनुमान है।
बैठक में जिलाधिकारी देहरादून डॉ. सबिन बंसल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह और मुख्य नगर अधिकारी नमामि बसंल सहित कई अधिकारी शामिल हुए।
साथ ही, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल का 20वां दीक्षांत समारोह 4 नवंबर को डीएसबी परिसर के एएन सिंह हॉल सभागार में आयोजित होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी और स्नातक, स्नातकोत्तर तथा पीएच.डी. छात्रों को उपाधि और पदक प्रदान करेंगी। इस वर्ष विश्वविद्यालय से कुल 16,183 छात्रों को उपाधि दी जाएगी, जिनमें 9,788 छात्राएं और 6,395 छात्र शामिल हैं। इसके साथ ही 234 शोधार्थियों को पीएच.डी. की डिग्री और तीन विशिष्ट शोधकर्ताओं को डी.लिट से सम्मानित किया जाएगा।


