उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर महत्वपूर्ण चरण पूरी होने के बाद, अब ओबीसी सर्वेक्षण और वोटर लिस्ट संशोधन की प्रक्रिया तेज हो गई है। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग ने इस कार्य को समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए अपनी योजना बना ली है।
एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने पहले निकायों के ओबीसी सर्वेक्षण की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। लेकिन हाल ही में हुए परिसीमन के बाद, आयोग ने फिर से ओबीसी सर्वेक्षण शुरू किया है। नए परिसीमन के आधार पर आयोग अतिरिक्त रिपोर्ट तैयार करेगा। आयोग ने इस प्रक्रिया की समयसीमा तय कर दी है और सर्वेक्षण को तेज कर दिया है।
वोटर लिस्ट संशोधन का कार्य भी तेजी से चल रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने नए परिसीमन के अनुसार वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए समयसीमा तय कर दी है। नवंबर के पहले सप्ताह तक सभी निकायों की वोटर लिस्ट पूरी तरह से तैयार हो जाएगी।
नगर निकाय चुनाव के लिए प्रवर समिति की रिपोर्ट का भी इंतजार है। गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायकों ने ओबीसी सर्वेक्षण पर सवाल उठाते हुए आरक्षण संबंधी विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी। विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया है, और इसे 23 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है। इस दौरान अधिकारियों ने विरोध करने वाले विधायकों को ओबीसी सर्वेक्षण के सभी बिंदुओं की जानकारी प्रदान की है।
प्रवर समिति की रिपोर्ट के बाद, या तो विशेष सत्र बुलाया जाएगा या फिर पूर्व में लागू अध्यादेश के आधार पर निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित समयसारिणी के अनुसार, 10 नवंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी, और 15 से 20 दिसंबर के बीच चुनाव संपन्न होंगे। बोर्ड 25 दिसंबर से पहले गठित कर दिए जाएंगे।