उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को लेकर हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में पिछले कई दिनों से चल रहा शांतिपूर्ण धरना सोमवार को उस समय उग्र हो गया, जब पुलिस ने अनशन पर बैठे आंदोलनकारी भूपेंद्र कोरंगा को जबरन हटाने की कोशिश की। इस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हो गई, जिसके बाद मौके पर अफरातफरी मच गई।
धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं का कहना है कि सरकार पेपर लीक घोटाले में संलिप्त लोगों को बचा रही है और बेरोजगार युवाओं के साथ विश्वासघात कर रही है। उनका आरोप है कि निष्पक्ष जांच की बजाय आंदोलन को दबाने की कोशिश की जा रही है।
सोमवार को जब पुलिस ने भूपेंद्र कोरंगा को जबरदस्ती हटाने का प्रयास किया, तो प्रदर्शनकारी छात्रों ने इसका तीखा विरोध किया। आरोप है कि पुलिस ने न केवल लाठीचार्ज किया, बल्कि धरना स्थल को बलपूर्वक खाली कराने का प्रयास भी किया। इससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया।
घटना के दौरान कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ न केवल धक्का-मुक्की की, बल्कि कुछ के कपड़े तक फाड़ दिए गए। इन आरोपों ने पूरे आंदोलन को और भड़का दिया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र दानू ने घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा सरकार युवाओं के साथ छल कर रही है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने की कोशिश लोकतंत्र की हत्या के समान है।