उत्तराखंड में आपदा की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विशेष रूप से उत्तरकाशी जनपद में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, जहां गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे कई दिनों से बार-बार बंद और चालू होने के बीच झूल रहे हैं।
सोमवार को गंगोत्री हाईवे पर नगालूपानी के पास एक बड़ी भूस्खलन की घटना सामने आई, जिसमें पहाड़ का एक विशाल हिस्सा टूटकर हाईवे पर आ गिरा। यह घटना शाम करीब 4 बजे हुई और इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पहाड़ गिरते हुए साफ देखा जा सकता है। मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। तीर्थयात्रियों के साथ स्थानीय लोग भी बुरी तरह फंसे हुए हैं।
सीमा सड़क संगठन (BRO) की मशीनें मौके पर तैनात हैं और मलबा हटाने का कार्य जारी है, लेकिन भारी मात्रा में गिरे मलबे के कारण रास्ता खोलने में वक्त लग सकता है।
वहीं, यमुनोत्री हाईवे की हालत और भी गंभीर बनी हुई है। जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास यह मार्ग लगातार 16वें दिन भी बंद है। यहां भूधंसाव की वजह से मलबा हटाने में बड़ी चुनौती आ रही है। एनएच विभाग की टीमें काम में जुटी हैं, लेकिन पहाड़ी जमीन की अस्थिरता के कारण स्थिति नियंत्रण में नहीं आ पा रही है।
इस हाईवे के बंद होने से यमुनोत्री धाम के साथ-साथ पांच गांवों – जिनमें जंगलचट्टी, नारदचट्टी और आसपास के इलाके शामिल हैं – के लोग पूरी तरह प्रभावित हो गए हैं। आवागमन ठप होने से जरूरी सामानों की भारी किल्लत हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा इन क्षेत्रों में राशन और राहत सामग्री भेजी जा रही है, लेकिन हालात सामान्य होने में अभी समय लग सकता है।
जिला प्रशासन के अनुसार, दोनों हाईवे को जल्द खोलने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। BRO और एनएच विभाग की टीमें मौके पर डटी हुई हैं। हालांकि, लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते काम में बार-बार व्यवधान आ रहा है।