उत्तराखण्ड कुमाऊं गढ़वाल जन मुद्दे देहरादून

कागजी जंजाल खत्म… 6–12 महीने में भू-उपयोग परिवर्तन होगा पूरा, घर बैठे मंजूरी पाएं

खबर शेयर करें -

 उत्तराखंड में अब जमीनों का भू-उपयोग परिवर्तन (CLU) करना पहले से कहीं अधिक आसान और पारदर्शी हो गया है। सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू कर दिया है, जिससे नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

नई व्यवस्था के अनुसार, यह प्रक्रिया 18 चरणों में पूरी होगी और अब इसे केवल 6 से 12 महीने में पूरा किया जा सकेगा। इससे पहले भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति पाने में कई साल लग जाते थे।

यह भी पढ़ें 👉  पहले पत्नी पर हमला...अब पति को उतारा मौत के घाट—गांव में दहशत की चीखें!

आवास विभाग द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार, जमीनों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। 4,000 से 10,000 वर्ग मीटर तक की जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन संबंधित प्राधिकरण स्तर पर, 10,000 से 50,000 वर्ग मीटर तक की जमीन के लिए उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (UHUDA) के स्तर पर और 50,000 वर्ग मीटर से ऊपर की जमीन के लिए प्राधिकरण और शासन समिति की स्वीकृति आवश्यक होगी।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में एक और हादसा...किसान की दर्दनाक मौत, मचा कोहराम

अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन पोर्टल से प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी, फाइलें लंबित नहीं रहेंगी और नागरिक अब घर बैठे आवेदन से लेकर स्वीकृति तक की पूरी प्रक्रिया ट्रैक कर सकेंगे। इस कदम से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और अनावश्यक देरी पर भी रोक लगेगी। अधिकारियों के अनुसार यह पहल प्रदेश में निवेश और शहरी विकास को भी बढ़ावा देगी।

हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में