उत्तराखंड में रेलवे टनल निर्माण को लेकर ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। सुरंग निर्माण के दौरान हो रहे विस्फोटों से स्थानीय लोगों के घरों में दरारें पड़ने लगी हैं, जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को रेलवे कार्य को रोककर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। रेलवे प्रशासन फिलहाल विवाद समाधान के लिए ग्रामीणों से बातचीत की कोशिश में लगा है।
यह मामला चमोली जिले के सिवाई मेठाणा टोक क्षेत्र का है, जहां अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने रेलवे टनल के बाहर धरना देकर अपनी मांगें रखीं। उन्होंने रोजगार, मंदिर निर्माण, जल स्रोत सूखने और रेलवे निर्माण कार्यों से हो रहे मकानों के नुकसान की भरपाई की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे परियोजना के तहत उनकी जमीन जबरन अधिग्रहित की गई है। साथ ही, विस्फोटों के कारण उनके घरों में दरारें आ रही हैं, जिससे उनकी सुरक्षा दाव पर है। जबकि सरकार स्थानीय लोगों को रेलवे निर्माण कार्यों में रोजगार देने की बात करती है, कंपनी ने अभी तक केवल दो लोगों को रोजगार दिया है। साथ ही, क्षेत्र का पुराना मंदिर भी आज तक नहीं बन पाया है।
ग्रामीणों ने कई बार इस संबंध में रेलवे अधिकारियों को सूचित किया, लेकिन उनकी मांगों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यही वजह है कि वे मजबूर होकर आंदोलन पर उतर आए हैं और अपनी मांगें पूरी किए बिना विरोध समाप्त नहीं करने का एलान किया है। रेलवे प्रशासन ने वार्ता की पहल की, लेकिन ग्रामीणों ने बातचीत करने से मना कर दिया है। इस विवाद के चलते रेलवे निर्माण कार्य फिलहाल बाधित है और प्रशासन जल्द से जल्द समाधान निकालने की कोशिश में जुटा है।