उत्तराखंड उच्च न्यायालय में टिहरी जिले की कुंड ग्राम पंचायत के प्रधान पद के चुनाव में हुई कथित गड़बड़ी को लेकर सुनवाई हुई। मामला मतगणना के दौरान उप जिलाधिकारी (एसडीएम) की मौजूदगी और चुनाव परिणाम को टाई घोषित कर लॉटरी से विजेता तय करने को लेकर है। इस पर हारे हुए प्रत्याशी की ओर से याचिका दाखिल की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उप जिलाधिकारी से कड़ा सवाल पूछा कि “आप किस नियम के तहत मतगणना स्थल पर मौजूद थीं?” इसके साथ ही कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए यह भी पूछा कि “चुनाव क्षेत्र में आपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किस नियम के तहत किया? जबकि यह क्षेत्र ‘जीरो जोन’ घोषित रहता है।”
याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत एक वीडियो को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान देखा, जिसमें एसडीएम मतगणना स्थल पर मौजूद थीं और मोबाइल पर बातचीत करती दिख रही थीं। वहीं याचिकाकर्ता का यह भी आरोप है कि मतगणना के दौरान उनके अभिकर्ता को अंदर जाने तक नहीं दिया गया।
याचिका ग्राम प्रधान पद की प्रत्याशी मधु देवी नौटियाल ने दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मतगणना में उन्हें एक वोट से जीत मिली थी, लेकिन उनका एक वैध वोट बिना उचित आधार के अमान्य कर दिया गया। इसके बाद परिणाम को ‘टाई’ घोषित कर लॉटरी के जरिए विपक्षी उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया गया।
मधु देवी ने यह भी कहा कि जिस मतपत्र को निरस्त किया गया, उसमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं थी। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एसडीएम ग्राम प्रधानों की चुनाव याचिकाएं सुनती हैं, तो वे खुद मतगणना स्थल पर कैसे मौजूद हो सकती हैं?
कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम को निर्देश दिया है कि वे यह स्पष्ट करें कि वे किस नियम और अधिकार के तहत मतगणना केंद्र पर मौजूद थीं और फोन का उपयोग कर रही थीं। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 16 सितंबर निर्धारित की है और उससे पहले उप जिलाधिकारी को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।