हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जिस स्कूल की बस दुर्घटना का शिकार हुई उस स्कूल के प्रिंसिपल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बस के ड्राइवर को स्कूल के सचिव के साथ हिरासत में ले लिया गया है। खबरों के मुताबिक बस का चालक कथित तौर पर नशे में था और वाहन के पास फिटनेस प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेज भी नहीं थे। ईद के मौके पर सार्वजनिक अवकाश होने के बावजूद बृहस्पतिवार को खुले रहने वाले स्कूल और कुछ अन्य स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, महेंद्रगढ़ जिले में बृहस्पतिवार को स्कूल के बच्चों को लेकर जा रही एक बस के पलट जाने से छह विद्यार्थियों की मौत हो गई और करीब 20 घायल हो गए। हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल ने कहा कि सरकार ने इस घटना के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद, घटना की जांच के आदेश दिए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि ड्राइवर के मेडिकल परीक्षण में पुष्टि हुई है कि उसके खून में शराब मौजूद थी। दुर्घटना के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए चौदह छात्रों को छुट्टी दे दी गई है लेकिन तीन की हालत गंभीर है।
कक्षा 4 से 10 तक के छात्र गुरुवार को जीएल पब्लिक स्कूल जा रहे थे, तभी उन्हें ले जा रही बस एक पेड़ से टकराकर पलट गई। बस स्कूल की थी और दस्तावेजों से पता चला कि बस का फिटनेस प्रमाणपत्र छह साल पहले 2018 में समाप्त हो गया था। राज्य सड़क परिवहन के एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र राणा ने हिंदी में कहा, “भारतीय दंड संहिता की गैर इरादतन हत्या और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वैध फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं होने के कारण मोटर वाहन अधिनियम की धाराएं भी लगाई गई हैं।” धर्मेंद्र नाम के ड्राइवर, प्रिंसिपल दीप्ति और एक स्टाफ सदस्य, होशियार सिंह (सचिव) को गिरफ्तार कर लिया गया है।” राणा ने कहा, “एक मेडिकल परीक्षण से पुष्टि हुई है कि ड्राइवर के खून में अल्कोहल मौजूद था।” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि बस के खिलाफ हाल ही में एक चालान जारी किया गया था।