हल्द्वानी कैम्प कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई के दौरान आयुक्त/सचिव मा. मुख्यमंत्री श्री दीपक रावत ने आम जनता की शिकायतें सुनते हुए कई मामलों में तत्काल संज्ञान लिया और मौके पर ही समाधान के निर्देश दिए। जनसुनवाई में प्रमुख रूप से भूमि विवाद, दाखिल-खारिज, झूठे मुकदमे, बैंक ऋण धोखाधड़ी, प्रतिबंधित सामग्री की आपूर्ति और वेतन विवाद से जुड़ी शिकायतें सामने आईं।
जनसुनवाई के दौरान बिलासपुर, उत्तर प्रदेश निवासी गुलशन ने बताया कि देवलचौड़ स्थित एक ट्रांसपोर्ट ई-रिक्शा डीलर ने बैंक लोन से उन्हें ई-रिक्शा उपलब्ध कराया, लेकिन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) नहीं दी गई। किश्तें न चुकाने पर डीलर ने ई-रिक्शा जब्त कर किसी अन्य को किराए पर चला दिया। आयुक्त ने तत्काल डीलर को तलब किया, और जांच में सामने आया कि डीलर के पास 30 से 35 ई-रिक्शा की आरसी है जबकि वाहन सड़कों पर बगैर वैध दस्तावेजों के संचालित हो रहे हैं।
प्रकरण को गंभीर मानते हुए आयुक्त दीपक रावत ने आरटीओ को समस्त ई-रिक्शा डीलरों की जांच के निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि जिन वाहनों की आरसी डीलर के पास है, या जो बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस संचालित हो रहे हैं, उन्हें तत्काल सीज किया जाए। उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा केवल सवारी परिवहन के लिए अधिकृत हैं, लेकिन कई लोग सामग्री लादकर इनका दुरुपयोग कर रहे हैं, जो कानूनन गलत है।
जनसुनवाई में छड़ायल निवासी भागीरथी जोशी ने बताया कि उनके भवन के आधार पर किसी व्यक्ति ने बैंक से फर्जी ऋण लिया और किश्तें न चुकाने पर बैंक ने उन्हें नोटिस भेज दिया। इस पर आयुक्त ने बैंक अधिकारियों समेत सभी पक्षों को तलब कर स्पष्ट किया कि यदि ऋण समय पर जमा नहीं होता है, तो आरोपी पर लैंड फ्रॉड एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जनसुनवाई में लालकुआं से दाखिल-खारिज की समस्या, काशीपुर से भूमि धोखाधड़ी, रामनगर से झूठे मुकदमे, और भुजियाघाट में होटल कर्मचारी को वेतन न मिलने जैसी शिकायतें भी दर्ज की गईं। इन मामलों पर आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इस जनसुनवाई में ज्योति मेर हत्याकांड के मामले में ज्योति की मां और पहाड़ी आर्मी के प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने हेतु एसआईटी गठन की मांग की गई।
जनसुनवाई में आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी रही और आयुक्त दीपक रावत द्वारा संवेदनशीलता के साथ समस्याएं सुनने व त्वरित कार्यवाही के लिए जनता ने प्रशासनिक तत्परता की सराहना की। अधिकांश मामलों में मौके पर ही समाधान सुनिश्चित किया गया।