उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकायों को स्वायत्त और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सेतु आयोग ने नगर निकाय सशक्तिकरण पर आधारित विश्लेषणात्मक रिपोर्ट सौंपी।
रिपोर्ट सौंपते हुए सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी ने बताया कि दस्तावेज़ में नगर निगमों और अन्य शहरी निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। इनमें मुख्य रूप से वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा देना, स्थानीय राजस्व संग्रहण की क्षमता विकसित करना और संविधान की 12वीं अनुसूची में वर्णित 18 कार्यों (जैसे जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शहरी नियोजन आदि) को नगर निकायों को हस्तांतरित करना शामिल है।
रिपोर्ट में स्मार्ट गवर्नेंस, जीआईएस मैपिंग और डेटा आधारित निर्णय प्रणाली को अपनाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, शहरी निकायों के कर्मचारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी सुझाव दिया गया है, ताकि वे बदलते शहरी परिदृश्य में प्रभावी कार्य कर सकें।
रिपोर्ट में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्यों में लागू सफल शहरी निकाय मॉडल्स का अध्ययन कर उन्हें उत्तराखंड की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित करने की बात कही गई है। साथ ही, आपदा प्रबंधन, विशेषकर भूस्खलन जैसी घटनाओं से निपटने के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की सिफारिश की गई है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह, शहरी विकास सचिव नितेश झा, राधिका झा, चंद्रेश यादव तथा सेतु आयोग के सदस्य भावना सिंधे, प्रिया भारद्वाज, अंकित कुमार और शहजाद अहमद मलिक उपस्थित रहे।