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अब ना सिफारिश चलेगी, ना बेल – सीधा जेल!…कानून के फंदे में फंसा भर्ती घोटाले का शहंशाह

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उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में कुख्यात हाकम सिंह एक बार फिर पुलिस के शिकंजे में है, लेकिन इस बार हालात पहले जैसे नहीं हैं। अब हाकम के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए नकल विरोधी कानून 2023 के तहत कार्रवाई हो रही है, जिसमें दोष सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

हाकम सिंह को पहले भी जुलाई 2022 में पेपर लीक कांड में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 13 महीने के भीतर ही उसे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। तब तक राज्य में नकल रोकने के लिए कोई विशेष कानून मौजूद नहीं था। अब हालात बदल चुके हैं। उत्तराखंड में लागू उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं उपाय) अधिनियम 2023 के तहत यह अपराध गंभीर, गैर-जमानती और अशमनीय बन चुका है।

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पेपर लीक कांड का खुलासा तब हुआ जब जुलाई 2022 में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षाओं के परिणामों में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं। इसके बाद एसटीएफ ने जांच शुरू की और खुलासा हुआ कि पेपर लीक का यह खेल बड़े स्तर पर फैला हुआ था।

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जांच में सामने आया कि हाकम सिंह पेपर लीक के गिरोह का सरगना था, जो कोचिंग सेंटर, परीक्षा केंद्रों, प्रिंटिंग प्रेस और अन्य माध्यमों से प्रश्नपत्रों को लीक करवा रहा था। धीरे-धीरे उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए।

इन परीक्षाओं को किया गया रद्द

जांच के दौरान आयोग ने जिन प्रमुख परीक्षाओं को रद्द किया, उनमें शामिल हैं:

स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा (5 दिसंबर 2021)

वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा (16-21 जुलाई 2021)

सचिवालय रक्षक परीक्षा (26 सितंबर 2021)

अनुदेशक, वाहन चालक, मत्स्य निरीक्षक, कर्मशाला अनुदेशक, पुलिस दूरसंचार और रैंकर्स भर्ती परीक्षाएं

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सबसे बड़ा झटका तब लगा जब वन दरोगा की ऑनलाइन परीक्षा में भी पेपर लीक की पुष्टि हुई। इसमें 83,000 से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसके बाद आयोग ने भविष्य में ऑनलाइन परीक्षा कराने से इंकार कर दिया।

नए कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति — परीक्षा से जुड़े किसी भी स्तर पर — पेपर लीक, नकल या अनुचित साधनों में शामिल पाया जाता है, तो उसे आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना हो सकता है। इस कानून ने अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई का रास्ता खोल दिया है।

हिल दर्पण डेस्क

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