उत्तराखंड सरकार की छवि को बनाए रखने और मुख्यमंत्री के संकल्प के तहत जिला प्रशासन हर वक्त सजग और चौकस है। देहरादून में जिला प्रशासन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि किसी भी प्रकार की कोताही, लापरवाही या निष्ठाहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आज जिलाधिकारी सविन बंसल ने देहरादून के गुलर घाटी स्थित खाद्य गोदाम का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गोदाम में निर्धारित मानकों का पालन न होने और रजिस्टर सही तरीके से मेंटेन न होने पर डीएम ने नाराजगी जताई। जिलाधिकारी ने वरिष्ठ विपणन अधिकारी विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने और विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।
यह गोदाम केवल देहरादून के लिए ही नहीं, बल्कि गढ़वाल मंडल के अन्य जिलों के लिए भी अनाज की आपूर्ति करता है। डीएम के अचानक निरीक्षण से गोदाम में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों में हलचल मच गई।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने गोदाम में अनाज के सैंपल भी करवाए। जब सैंपल में अनाज खराब पाया गया, तो जिलाधिकारी ने तुरंत उस अनाज को नष्ट करने के आदेश दिए। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सेहत से खिलवाड़ नहीं सहा जाएगा, और जो अधिकारी लापरवाही करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, गोदाम में अनाज रखने की मानक व्यवस्था का भी पालन नहीं पाया गया। चूहों से अनाज की सुरक्षा के लिए चूहेदानी की व्यवस्था नहीं थी, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने तत्काल इस व्यवस्था को सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए और यह भी पूछा कि अगर यह व्यवस्था नहीं थी तो उच्च अधिकारियों को क्यों सूचित नहीं किया गया।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने बोरियों का वजन भी कराया। वजन में कम होने पर उन्होंने इसे लेकर असंतोष जताया, क्योंकि बोरी का वजन 50,580 किलो होना चाहिए था, जबकि बोरियों का कुल वजन 50,150 किलो पाया गया। जिलाधिकारी ने मौके पर ही गेहूं और चावल के सैंपल भी लिए। इस निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, तहसीलदार सुरेन्द्र देव, फूड सेफ्टी ऑफिसर और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।