मदरसा संचालक के काले कारनामों की परतें अब दिन पर दिन धीरे-धीरे खुलकर सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के मल्हीपुर थाने के लक्ष्मनपुर निवासी मदरसा संचालक मुबारक उर्फ नूरी बाबा का कबाड़ के व्यापार से शुरू हुआ उसका कारोबार अब तस्करी और नकली नोटों के धंधे तक पहुंच चुका है। नेपाल सीमा के निकट स्थित मदरसा अब अवैध गतिविधियों का केंद्र बन चुका था, जहां नूरी बाबा ने अपने काले धंधे को फैलाया।
नूरी बाबा पर आरोप है कि वह मदरसे के जरिए जाली नोटों का कारोबार कर रहा था। इसके साथ ही वह युवतियों को झाड़-फूंक के बहाने मदरसे में रोकता था और उन्हें नेपाल भेजने का काम करता था। ग्रामीणों के अनुसार, नूरी बाबा नेपाल जाता रहता था और वहां से नेपाल से लोग, जिसमें युवतियां भी शामिल होती थीं, आते-जाते थे। यह भी कहा जा रहा है कि नूरी बाबा तस्करी में भी शामिल था, जिससे उसने कम समय में लाखों की संपत्ति अर्जित कर ली।
पुलिस और खुफिया तंत्र की जांच में यह सामने आया है कि नूरी बाबा का नेपाल कनेक्शन भी बेहद संदिग्ध है। इसके लिए पुलिस ने पूरे मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है और खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है। इस मामले की मानीटरिंग खुद एसपी द्वारा की जा रही है। नूरी बाबा लक्ष्मनपुर गांव में सामान्य व्यक्ति की तरह रह रहा था, लेकिन उसकी गतिविधियां काफी संदिग्ध थीं। मदरसे में अक्सर बाहरी लोग, खासकर नेपाली युवक और युवतियां आते-जाते थे। इसके अलावा, नूरी बाबा नेपाल से चंदा मांगने के लिए भी जाता था।
नूरी बाबा की करतूतों की जानकारी ग्रामीणों को पहले से थी, लेकिन उसने अपनी तंत्र-मंत्र की शक्तियों और ऊंची पहुंच का रौब जमाकर सभी को चुप करा दिया था। इसके बावजूद अब पुलिस सक्रिय हो गई है और नूरी बाबा के कनेक्शनों की पूरी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह मामला केवल नकली नोटों और तस्करी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके अंदर कई और गंभीर अपराध जुड़े हो सकते हैं।
ग्रामीणों की शंकाओं और पुलिस की तफ्तीश के बाद अब नूरी बाबा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की जांच और खुफिया एजेंसियों की मदद से यह मामला और भी गंभीर होता जा रहा है।