उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती और अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर आज संस्कृति विभाग ऑडिटोरियम, दीपनगर में उत्तराखंड प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के तत्वावधान में भव्य सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, निबंधक सहकारिता डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद की सचिव डॉ. मीनू शुक्ला पाठक द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. रावत ने कहा कि राज्य में सहकारिता क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं और मिलेट्स मिशन, महिला ऋण योजनाएं और भारत दर्शन यात्रा जैसी योजनाओं से किसान और महिला समूह आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने कक्षा 6 से सहकारिता आंदोलन को अनिवार्य पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव भी साझा किया।
सम्मेलन के द्वितीय सत्र में उत्तराखंड रेशम फेडरेशन, राज्य सहकारी संघ, प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन, मत्स्य एवं डेयरी फेडरेशन ने अपने कार्यों और योजनाओं पर प्रस्तुतियां दीं। प्रबंध निदेशक मंगला त्रिपाठी ने सहकारिता विभाग की 25 वर्षों की यात्रा का विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया।
सम्मेलन में उमेश त्रिपाठी, सुरेंद्र सिंह पनियाला, मातवर सिंह रावत, महावीर प्रसाद कुकरेती और मरणोपरांत हयात सिंह म्हारा को “सहकारिता सम्मान” से नवाजा गया।
डॉ. रावत ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव, हर किसान और हर महिला समूह सहकारिता से जुड़कर “सहकारिता से समृद्धि” का सपना साकार करें। सम्मेलन में प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के अध्यक्ष रामकृष्ण मेहरोत्रा, पूर्व अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह, सहकारिता विभाग के अधिकारी और राज्य सहकारी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


