हल्द्वानी। नैनीताल में 12 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के गंभीर मामले में जेल में बंद आरोपी उस्मान अली को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद टूट गई है। हल्द्वानी स्थित पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के बाद आरोपी की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
30 अप्रैल को नैनीताल निवासी 72 वर्षीय ठेकेदार उस्मान अली के खिलाफ एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि आरोपी पिछले तीन महीने से बच्ची का यौन शोषण कर रहा था।
इस घटना के सामने आने के बाद पूरे नैनीताल में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी। हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। देर रात तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
नैनीताल के मल्लीताल थाने में आरोपी उस्मान अली के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 65(1), पॉक्सो एक्ट की धारा 3(1)(b)(i) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(v)(ii) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
20 मई को हल्द्वानी स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से पेश की गई जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं। न्यायालय ने मामले की गंभीरता, नाबालिग पीड़िता की स्थिति और सामाजिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।
घटना के बाद नैनीताल में समुदाय विशेष के व्यक्ति द्वारा किए गए इस अपराध को लेकर भारी तनाव उत्पन्न हो गया था। जनता की नाराज़गी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की थी।
अब आरोपी उस्मान को आगे भी न्यायिक हिरासत में रहना होगा और मामले में आगे की सुनवाई के लिए तैयार रहना पड़ेगा। कोर्ट के इस फैसले से पीड़िता के परिजनों और स्थानीय जनता को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।