उत्तराखंड में आगामी 10 से 15 दिनों के भीतर मानसून दस्तक देने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून सामान्य समय से पहले पहुंच रहा है, जिससे राज्य में बारिश अधिक और लंबे समय तक होने की संभावना जताई गई है। आमतौर पर मानसून 20 जून के आसपास उत्तराखंड पहुंचता है, लेकिन इस बार इसके पहले सप्ताह में ही राज्य में प्रवेश करने की उम्मीद है।
उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि मानसून ने 24 मई को केरल में दस्तक दी थी, जो सामान्य से करीब 8 दिन पहले है। वर्तमान में यह दक्षिण भारत, मध्य भारत और पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंच चुका है। डॉ. सिंह का कहना है कि यदि मानसून की गति यही बनी रही तो अगले 10 से 15 दिनों में उत्तराखंड भी इसकी चपेट में आ जाएगा।
मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार मानसून न केवल समय से पहले आएगा, बल्कि अधिक समय तक टिकेगा। इससे उत्तराखंड में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। राज्य के पर्वतीय जिलों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जहां पहले ही लैंडस्लाइड, सड़क अवरोध और अन्य आपदाओं की आशंका बनी रहती है।
चारधाम यात्रा और पर्यटन के लिहाज से भी यह समय अत्यधिक संवेदनशील है। मानसून पूर्व संभावित बारिश को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन को पहले से ही सतर्क रहने और तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
मौजूदा मई महीने में ही उत्तराखंड में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस महीने अब तक 86% अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि पूरे सीजन की बात करें तो यह औसत से 36% ज्यादा है। यह भविष्य में आने वाली बारिश और संभावित आपदाओं की ओर संकेत कर रहा है।
हालांकि लगातार हो रही बारिश से राज्यवासियों को गर्मी से राहत मिली है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल संकट और जंगलों में लगने वाली आग की घटनाएं भी काफी कम देखी गई हैं। जल स्रोतों के रिचार्ज होने से पीने के पानी की समस्या में सुधार आया है, जो गर्मी के मौसम में एक बड़ी राहत मानी जा रही है।
मौसम विभाग ने पर्वतीय इलाकों में रहने वाले लोगों और यात्रियों से सावधानी बरतने की अपील की है। विभाग ने कहा है कि प्रशासन और आम जनता को मानसून से जुड़ी चेतावनियों और सलाहों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि संभावित आपदाओं से बचा जा सके।