उत्तराखंड में बाल विवाह और नाबालिग के कथित अपहरण का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने किशोरी के माता-पिता, दूल्हा और उसकी मां को गिरफ्तार कर पौड़ी जेल भेज दिया है। घटना कोटद्वार और बिजनौर के बीच सामने आई है, जिसमें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
कोटद्वार निवासी एक व्यक्ति ने 4 जुलाई को कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसकी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी को बिजनौर, रायपुर सादात निवासी आकाश और उसकी मां नीतू बहला-फुसलाकर ले गए और जबरन उसका बाल विवाह करवा दिया।
कोतवाल रमेश तनवार ने जानकारी दी कि पुलिस जांच में यह सामने आया कि किशोरी और आकाश के बीच प्रेम संबंध थे। करीब तीन महीने पहले, 8 अप्रैल को किशोरी घर छोड़कर आकाश के साथ चली गई थी। अगले दिन आकाश की मां किशोरी को लेकर कोटद्वार कोतवाली पहुंची थीं। वहां किशोरी ने किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या दुष्कर्म से इनकार किया था।
काउंसलिंग के बाद पुलिस ने किशोरी को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया था। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इसके बाद किशोरी के माता-पिता ने आपसी सहमति से अपनी नाबालिग बेटी का विवाह उसी युवक आकाश से करवा दिया।
मामला अदालत पहुंचने के बाद न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए आकाश, उसकी मां नीतू, और किशोरी के माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया। चारों आरोपियों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में पौड़ी जेल भेज दिया गया।
एसएसपी के निर्देश पर मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने त्वरित जांच की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।