पुलिस हिरासत में कारोबारी की मौत के मामले में प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में हुई इस घटना में तीन पुलिस उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ के लिए लाए गए कारोबारी केदार सिंह (58) की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। केदार के बेटे देवेंद्र ने आरोप लगाया कि चौकी में पूछताछ के दौरान उनके पिता की तबीयत बिगड़ गई और वहीं उनकी मौत हो गई।
आगरा पुलिस आयुक्तालय ने एक बयान में बताया कि इस घटना की जांच की जा रही है और इस मामले में कबीस चौकी के प्रभारी सिद्धार्थ चौधरी, डौकी थाने के उप निरीक्षक शिव मंगल और राम सेवक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही डौकी थाने के प्रभारी तरुण धीमान को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह घटना 2023 के धोखाधड़ी के एक मामले से जुड़ी हुई थी, जिसमें केदार सिंह गवाह थे।
इसके बाद, केदार सिंह की मौत की खबर सुनकर उनका गांव गढ़ी हीसिया बुरी तरह से गुस्से में आ गया। गांववाले चौकी पर इकट्ठा हो गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे। स्थिति इतनी बिगड़ी कि लोग आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पहुंच गए और सड़क पर पत्थर रखकर जाम लगा दिया। जाम के दौरान, लोगों ने पुलिस पर पीट-पीट कर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद हंगामा बढ़ता गया, और पुलिसकर्मी चौकी छोड़कर भाग गए।