हल्द्वानी। मुख्यमंत्री दीपक रावत के सचिव और मंडलायुक्त दीपक रावत ने शनिवार को जनसुनवाई में नागरिकों की समस्याओं का समाधान किया। जनसुनवाई के दौरान भूमि विवाद, पेंशन, अतिक्रमण, सिंचाई गूल, खतौनी संशोधन, मुआवजा सहित कई मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की गई।
आयुक्त ने भूमि विवाद से जुड़े मामलों पर सख्त कार्रवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। उन्होंने नागरिकों को सलाह दी कि भूमि खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उस पर कोई ऋण तो नहीं है, क्योंकि कई बार बंधक रखी गई भूमि को भी बेचा जाता है, जिससे रजिस्ट्री के बाद कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने राजस्व विभाग और तहसील स्तर पर भूमि की पूरी जांच करने की बात कही।
जनसुनवाई में सीतारामपुर, काशीपुर से आए नागरिकों ने शिकायत की कि वर्ष 2012 में विजय कुमार और उनके सहयोगियों से प्लॉट खरीदी गई थी, लेकिन बाद में पता चला कि जिस भूमि पर प्लॉटिंग की गई थी, वह सरकारी थी। आयुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधितों के खिलाफ लैंड फ्रॉड एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा, जनसुनवाई के दौरान विभिन्न मुद्दों पर शिकायतें दर्ज की गईं, जैसे धनराशि वापसी, खतौनी में गलत खेत नंबर का दर्ज होना, और सिंचाई गूल बंद होने से जुड़ी समस्याएँ। आयुक्त ने इन मामलों पर तुरंत संज्ञान लिया और कई शिकायतों का मौके पर समाधान किया, जबकि अन्य मामलों में संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
जनसुनवाई में एक और महत्वपूर्ण मामला सामने आया, जब सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (सेनि.) रमेश सिंह ने जानकारी दी कि दिवंगत भूतपूर्व सैनिक स्व. हरीश सिंह के नाबालिग बच्चों को पेंशन पहले ही शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि हरीश सिंह की 8 लाख रुपये की एफडी में से 4 लाख रुपये उनके बड़े भाई ने खर्च कर दिए थे। आयुक्त ने तुरंत निर्देश दिया कि 4 लाख रुपये बच्चों के खातों में ट्रांसफर किए जाएं।