राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप और विवादों की खबरें आम हैं, लेकिन इस बार चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसलराजस्थान से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा को पिस्टल तानने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए स्पष्ट किया कि उनकी विधायकी 1 मई 2025 से प्रभावी रूप से समाप्त मानी जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि इस निर्णय से पहले राज्य के महाधिवक्ता और वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञों से राय ली गई। सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए यह स्पष्ट किया गया कि जब तक दोषी विधायक को उच्चतम न्यायालय से सजा पर स्थगन नहीं मिलता, तब तक उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जाती है।
कंवरलाल मीणा को विधानसभा सचिवालय द्वारा 7 मई तक जवाब देने का समय दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के कारण यह निर्णय लिया गया। देवनानी ने कहा कि यह पूरी तरह कानून सम्मत और निष्पक्ष निर्णय है, जिसमें किसी प्रकार की राजनीति नहीं की गई।
यह पहली बार नहीं है जब किसी विधायक की सदस्यता कानूनी कार्रवाई के चलते समाप्त हुई हो। वर्ष 2017 में भी बसपा विधायक बीएल कुशवाह को हत्या के मामले में उम्रकैद मिलने पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने से विधानसभा में बीजेपी की ताकत पर आंशिक असर पड़ सकता है। विपक्ष इस फैसले को लोकतांत्रिक प्रणाली की मजबूती के रूप में देख रहा है, जबकि सत्ता पक्ष इसे कानून का पालन बताते हुए राजनीति से प्रेरित कदम मानने से इनकार कर रहा है।
इस घटनाक्रम के बाद श्रीमाधोपुर सीट पर उपचुनाव की संभावना बन गई है। चुनाव आयोग की ओर से शीघ्र ही उपचुनाव की घोषणा की जा सकती है।