कहते हैं रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं और अक्सर छोटी-छोटी तकरारों और भरोसा न होने से बिखर जाते हैं। रिश्तों में विश्वास की अहमियत को एक और उदाहरण ने उजागर किया है। उत्तर प्रदेश के आगरा के एक दंपति के बीच बढ़ते शक और आरोपों ने उन्हें परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंचा दिया। मामला इतना गंभीर हो गया कि दोनों के बीच परिवारिक विवाद ने सार्वजनिक रूप ले लिया, लेकिन एडीसीपी प्रोटोकॉल पूनम सिरोही के प्रयासों से यह विवाद सुलझ गया।
पति ने अपनी पत्नी पर आरोप लगाया कि वह घर से आठ लाख रुपये के जेवरात लेकर गई है, जबकि पत्नी ने इन आरोपों को खारिज किया। पत्नी का कहना था कि उसके पति का दूसरी महिला के साथ संपर्क है। दोनों के आरोप-प्रत्यारोप ने स्थिति को और जटिल कर दिया, लेकिन परिवार परामर्श केंद्र में एडीसीपी पूनम सिरोही ने दोनों को काउंसलिंग के लिए बुलाया।
काउंसलिंग के दौरान एडीसीपी ने दोनों से समझौते की बात की। गीता पर हाथ रखकर पत्नी ने कसम खाई कि उसने जेवरात नहीं लिए। इसके बाद पति ने भी कसम खाई कि वह दूसरी महिला से बात नहीं करेगा और भविष्य में शराब भी नहीं पीएगा। दोनों ने एक-दूसरे को माफ किया और अंत में रिश्ते में सुधार हुआ।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि रिश्तों में विश्वास और समझौता कितनी अहम भूमिका निभाते हैं, और कैसे काउंसलिंग और संवाद से विवादों का समाधान निकाला जा सकता है।