वो खाकी, जिसे हमने कभी सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक माना था, आज फिर सवालों के घेरे में है। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में 2.96 करोड़ रुपए के हवाला पैसों की लूट मामले में SIT ने चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें बालाघाट हॉक फोर्स के DSP पंकज मिश्रा, जबलपुर क्राइम ब्रांच के कांस्टेबल प्रमोद सोनी, हवाला कारोबारी पंजू गिरी गोस्वामी और मुख्य आरोपी SDOP पूजा पांडे के जीजा वीरेन्द्र दीक्षित शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश कर 20 नवंबर तक दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
इस मामले में अब तक कुल 15 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें 11 पुलिसकर्मी शामिल हैं। जांच के दौरान आरोपियों की भूमिका षड्यंत्रकर्ता के रूप में सामने आई है।
पंजू गिरी गोस्वामी को जबलपुर का प्रमुख हवाला ऑपरेटर बताया जा रहा है, जिसका नेटवर्क कटनी तक फैला हुआ था। आरोप है कि उसने अधिकारियों को हवाला के पैसे ले जाने की जानकारी दी थी। SDOP पूजा पांडे, सब-इंस्पेक्टर अर्पित भैरम और अन्य पुलिसकर्मी 26 नवंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। पूजा पांडे रीवा जेल में हैं, जबकि अन्य गिरफ्तार पुलिसकर्मियों को नरसिंहपुर सेंट्रल जेल में रखा गया है।
SIT ने बताया कि SDOP पांडे के मोबाइल में DSP पंकज मिश्रा का नंबर “पंकज सर” नाम से रजिस्टर्ड मिला। इससे पहले जांच के दौरान CSO पूजा पांडे, SI अर्पित भैरम समेत कई अन्य पुलिसकर्मी और हवाला कारोबारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
यह मामला 8 और 9 अक्टूबर 2025 को उजागर हुआ था। उस समय सिवनी में NH-44 के सिलादेही बाईपास पर पेट्रोलिंग और चेकिंग ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कटनी से नागपुर जा रही कार को रोका, जिसमें 2.96 करोड़ रुपए के हवाला पैसे थे। आरोप है कि पुलिस ने कार को जाने दिया और 1.45 करोड़ रुपए अपने बीच बाँट लिए।
मामले के उजागर होने के बाद SDOP पूजा पांडे और 10 अन्य पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर गिरफ्तार किया गया। 14 अक्टूबर को लखनवाड़ा पुलिस स्टेशन में लूट, किडनैपिंग और आपराधिक साजिश के तहत FIR दर्ज की गई। अब तक इस मामले में 2.70 करोड़ रुपए बरामद किए जा चुके हैं और SIT एवं क्राइम ब्रांच की जांच जारी है।


