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अनियमितताओं का भंडाफोड़!…प्रबंधक का इस्तीफा मंजूर, ये है पूरा मामला

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उत्तराखंड में दरगाह पिरान कलियर की प्रबंधक रजिया बेग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने व्यक्तिगत और पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए यह प्रार्थना पत्र हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को भेजा था।

जिलाधिकारी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर उन्हें तुरंत पद से मुक्त कर दिया। इसके साथ ही दरगाह की वित्तीय और प्रशासनिक गतिविधियों की निगरानी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को सौंपी गई है। रजिया बेग पर दरगाह के खजाने में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।

पूर्व प्रबंधक मोहम्मद हारून को विजिलेंस ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। उसके बाद लेखाकार शफीक अहमद कार्यवाहक प्रबंधक बने। फरवरी 2023 में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष बहरोज आलम की पत्नी रजिया बेग को प्रबंधक नियुक्त किया गया।

प्रबंधक पद संभालने के कुछ ही दिनों बाद रजिया ने नियाज़ (लंगर) बनाने वाली दुकानों के टेंडर जारी किए, जिसे लेकर स्थानीय राजनीति गरमाई। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कई विधायकों और दुकानदारों ने दरगाह कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। विरोध के बाद रजिया को टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करना पड़ा।

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उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की विशेष जांच में गंभीर वित्तीय और प्रशासनिक गड़बड़ियां उजागर हुईं। जांच में पता चला कि दो ठेकेदारों से 10.88 लाख रुपये की राशि अब तक नहीं ली गई थी, जबकि 2.33 करोड़ रुपये की बड़ी बकाया वसूली लंबित थी। इसके अलावा, दरगाह के बैंक खातों में दो लाख से अधिक नकद जमा पाए गए, जो आयकर अधिनियम और विभागीय नियमों का उल्लंघन हैं।

इन सभी आरोपों के बाद जिलाधिकारी ने रजिया बेग को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनके सभी वित्तीय अधिकार तत्काल प्रभाव से सीज कर दिए थे। नोटिस में 7 दिनों में जवाब देने का समय दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद रजिया बेग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

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जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर उन्हें तत्काल पद से कार्यमुक्त कर दिया। साथ ही दरगाह की वित्तीय और प्रशासनिक गतिविधियों की निगरानी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को सौंपी गई है। रजिया बेग पर दरगाह के खजाने में वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं।

पूर्व प्रबंधक मोहम्मद हारून को विजिलेंस ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा था, जिसके बाद लेखाकार शफीक अहमद कार्यवाहक प्रबंधक बने। इसके बाद फरवरी 2023 में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष बहरोज आलम की पत्नी रजिया बेग को प्रबंधक नियुक्त किया गया।

रजिया बेग ने प्रबंधक पद संभालने के कुछ ही दिनों बाद नियाज़ (लंगर) बनाने वाली दुकानों के टेंडर जारी किए, जिसे लेकर स्थानीय राजनीति गरमाई। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कई स्थानीय विधायकों समेत दुकानदारों ने दरगाह कार्यालय के सामने धरना दिया। विरोध के बाद रजिया ने टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करना पड़ा।

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उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की विशेष जांच में गंभीर वित्तीय और प्रशासनिक गड़बड़ियां उजागर हुईं। जांच में पता चला कि दो ठेकेदारों से 10.88 लाख रुपये की राशि अब तक प्राप्त नहीं हुई थी, जबकि 2.33 करोड़ रुपये की बकाया वसूली भी लंबित थी। इसके अलावा, दरगाह के बैंक खातों में दो लाख से अधिक नकद जमा पाए गए, जो आयकर अधिनियम और विभागीय नियमों का उल्लंघन है।

इन सभी आरोपों के बाद जिलाधिकारी ने रजिया बेग को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनके सभी वित्तीय अधिकार तत्काल प्रभाव से सीज कर दिए थे। नोटिस में 7 दिनों के भीतर जवाब देने का समय दिया गया, लेकिन रजिया बेग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

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हिल दर्पण डेस्क

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