उत्तराखंड में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट दिल्ली रवाना हो गए हैं। इन दोनों नेताओं के साथ कई और भाजपा विधायक भी दिल्ली पहुंचे हैं, जिसके बाद राज्य में कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह दिल्ली दौरा बहुत अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री धामी दिल्ली में दो दिन तक रहेंगे और इस दौरान वे भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। इस बैठक के दौरान कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। बुधवार को भी मुख्यमंत्री दिल्ली में ही रहेंगे, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि इस दौरे के दौरान राज्य की राजनीति को लेकर कोई निर्णायक कदम उठाया जाएगा।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्यमंत्री धामी लगातार केंद्र और राज्य भाजपा नेतृत्व से मंत्रिमंडल विस्तार और राज्य के अन्य मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा, दिल्ली पहुंचे विधायकों में रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, हरिद्वार विधायक मदन कौशिक, केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, धनौल्टी विधायक प्रीतम पंवार, राजपुर रोड विधायक खजान दास, गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय और रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा जैसे प्रमुख नेता भी शामिल हैं, जो विस्तार के लिए अपनी उम्मीदें लगाए बैठे हैं।
वर्तमान में, उत्तराखंड कैबिनेट में 5 पद खाली हैं। प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री धामी अकेले 50 से ज्यादा विभागों का कार्यभार संभाल रहे हैं, जिससे राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की आवश्यकता और भी ज्यादा महसूस हो रही है। इसके साथ ही, कुछ मंत्रियों के हटने की अटकलें भी हैं, लेकिन अब तक किसी अन्य मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है।
नए मंत्रियों के रूप में मुन्ना सिंह चौहान, विनोद कंडारी, आशा नौटियाल और शिव अरोड़ा जैसे नाम लगातार चर्चा में हैं। प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक बदलाव की संभावना और भी बढ़ गई है। ऐसे में, आगामी कैबिनेट विस्तार से राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है।