हरिद्वार। बाल शोध विज्ञान मेले में प्रतिभाग करने के दौरान ऑटो में छात्राओं के साथ अभद्रता का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में बाल संरक्षण आयोग एक्शन में दिख रहा है। आयोग की टीम ने स्कूल पहुंच कर छात्राओं के साथ ही शिक्षकों से पूछताछ की है।
मामला छात्राओं से जुड़ा होने के कारण जिलाधिकारी ने भी जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अभी तक यह बात सामने आई है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक और छात्रावास के वार्डन स्तर से अभी तक मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं दी गई थी। छात्र-छात्राओं को स्कूल से बाहर किसी भी कार्यक्रम में ले जाने से पहले शिक्षा विभाग या एसएमसी की अनुमति होना भी जरूरी होता है।
बताया जा रहा है कि छात्राओं को विज्ञान मेले में ले जाने की प्रभारी प्रधानाध्यापक के पास न तो विभाग की अनुमति थी और न ही एसएमसी का कोई प्रस्ताव था। बीते शनिवार को जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने छात्राओं का वायरल वीडियो सामने आने पर मामले को गंभीर बताते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता को जांच के आदेश दिए थे। वहीं, परिजनों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
उनका कहना है कि घर से स्कूल में आने पर सुरक्षा और शिक्षा की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होती है। अगर बच्चों के साथ घटना हुई है तो मामले की शिकायत प्रधानाध्यापक की तरफ से पुलिस और विभागीय अधिकारियों से की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा करने के बजाय प्रधानाध्यापक मामले को टालने में लगे हुए हैं।