उत्तराखण्ड गढ़वाल जन मुद्दे देहरादून

उत्तराखंड में उपद्रवियों पर नकेल की तैयारी….बजट सत्र में लागू हो सकता है यूपी वाला यह कानून

खबर शेयर करें -

देहरादून। धामी सरकार ने उप्रदवियों से निपटने का खाका तैयार कर लिया है। सरकार अब उपद्रवियों से सख्ती से निपटने की तैयारी में है। इसके लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है। इसके तहत ‘उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक’ लागू किया जा सकता है। इसे जल्द से जल्द लागू करने पर जोर दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसी बजट सत्र में यह विधेयक मंजूर हो सकता है।

उत्तराखंड का विधानसभा बजट सत्र सोमवार 26 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। साथ ही हाल ही में हल्द्वानी में दंगे ने सरकार की भी परेशानी बढ़ा रखी है। ऐसे में बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को होने वाले प्रश्नकाल में सवालों का जवाब संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल देंगे। यह दिन मुख्यमंत्री के लिए नियत होने के कारणा सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जवाब देने के लिए संसदीय कार्यमंत्री को अधिकृत किया है। ऐसे में उत्तराखंड में  ‘उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक’  लागू करने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें 👉  केदारनाथ उपचुनाव.....9वां राउंड- कांग्रेस की छलांग, देखें अपडेट

उत्तराखंड सरकार विरोध-प्रदर्शन के नाम पर सरकारी एवं निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों पर लगाम कसने जा रही है। इसके लिए बजट सत्र में सख्त कानून का विधेयक लाया जा रहा है। इसके लिए गृह विभाग ने ‘उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक’ तैयार कर लिया है। यूपी सरकार 2020 में ऐसा विधेयक बना चुकी है। उत्तराखंड विधानसभा में भी अब यह विधेयक पेश होने जा रहा है। इसके तहत विरोध, प्रदर्शन, हड़ताल के दौरान होने वाले नुकसान की भरपाई उपद्रव में शामिल आरोपियों से की जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  केदारनाथ उपचुनाव..... कड़ी सुरक्षा में शुरू हुई मतगणना

नुकसान की भरपाई करने के लिए रिटायर्ड जिजा जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। घटना की व्यापकता को देखते हुए एक से अधिक ट्रिब्यूनल भी गठित किए जा सकते हैं। सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए संबंधित विभाग ट्रिब्यूनल के सामने अपील करेंगे। ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट की शक्तियां दी जा रही हैं, जिससे वो संबंधित पक्ष को अपने सामने बुलाकर बयान दर्ज कराने और सवालों पर पक्ष मांग सकता है। प्रस्तावित विधेयक में निजी संपत्ति के नुकसान की भरवाई को भी शामिल किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  बिखरी पड़ी थी लाशें....कन्टेनर से चिपका था इनोवा का हिस्सा, घबरा कर भागा चालक

आम लोग भी नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऐसे मामलों में घटना के अधिकतम तीन महीने के अंदर ट्रिब्यूनल के सामने अपील करनी होगी। ट्रिब्यूनल फैसले के बाद आरोपित को एक माह के भीतर तय राशि जमा करनी होगी, ऐसा न किए जाने पर वसूली की जाएगी। जेल भी हो सकती है। संपत्ति के अलावा मृत्यु या शारीरिक नुकसान की भरपाई को इसमें रखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, मृत्यु पर अधिकतम पांच लाख रुपये तक भरपाई का प्रावधान किया जा सकता है।

हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में