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हल्द्वानी में लाल निशानों का खौफ!…भड़क उठे विधायक, कह डाली ये बड़ी बात

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 हल्द्वानी में प्रशासन द्वारा कई घरों पर लगाए गए लाल निशानों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। स्थानीय विधायक सुमित हृदयेश ने इसे आम जनता पर मानसिक दबाव बनाने की एक सोची-समझी रणनीति करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक कार्रवाई के नाम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार जनता के बीच डर और असुरक्षा का माहौल बना रही है।

विधायक सुमित हृदयेश ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिन घरों पर लाल निशान लगाए जा रहे हैं, वे सिर्फ़ इमारतें नहीं हैं, बल्कि हज़ारों लोगों की उम्मीदों, सपनों और वर्षों की मेहनत से बने आशियाने हैं। “एक व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी की कमाई लगाकर अपने परिवार के लिए सुरक्षित घर बनाता है। ऐसे में प्रशासन यह बताने की कोशिश कर रहा है कि उसकी मेहनत और अस्तित्व की कोई कीमत नहीं है,” उन्होंने कहा।

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प्रशासन की ओर से 1960 के नक्शों और 10 मीटर चौड़े नाले के तर्क पर सवाल उठाते हुए हृदयेश ने कहा कि उस समय तो हल्द्वानी का बड़ा हिस्सा जंगल था। “क्या अब सरकार हल्द्वानी को फिर से जंगल में तब्दील करने की योजना बना रही है?” उन्होंने तंज कसते हुए कहा।

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विधायक ने कहा कि जिन क्षेत्रों में निर्माण पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वहाँ कई लोग आज़ादी से पहले से रह रहे हैं और अब तो दूसरी और तीसरी पीढ़ियाँ बस चुकी हैं। उन्होंने प्रशासन के रवैये को असंवेदनशील और साज़िशपूर्ण बताते हुए चेतावनी दी कि इस अन्याय को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

सुमित हृदयेश ने घोषणा की कि आगामी 19 अगस्त से शुरू होने वाले उत्तराखंड विधानसभा सत्र में वह इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएंगे। उन्होंने कहा, “मैं न केवल एक जनप्रतिनिधि के तौर पर, बल्कि हल्द्वानी के बेटे और भाई की हैसियत से जनता की आवाज़ बनूंगा और सरकार तथा प्रशासन को जवाबदेह बनाऊंगा।”

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विधायक ने हल्द्वानी की जनता से अपील की कि वे इस समय को भूलें नहीं, क्योंकि यह उनके अधिकार, अस्मिता और सपनों का प्रश्न है। उन्होंने कहा, “हम सबको मिलकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी।”

 

हिल दर्पण डेस्क

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