उत्तराखंड इन दिनों भारी बारिश की चपेट में है। खासकर कुमाऊं मंडल में बीते दो दिनों से मूसलधार बारिश के कारण हालात बेहद खराब हो गए हैं। लगातार बारिश के चलते नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे कई इलाकों में स्थिति चिंताजनक हो गई है।
नैनीताल जिले के रामनगर तहसील से लगभग 24 किलोमीटर दूर स्थित चुकुम गांव इस समय कोसी नदी की तबाही का शिकार बना हुआ है। मंगलवार को नदी के तेज बहाव ने गांव की ओर कटान शुरू कर दी, जिससे दो मकान और एक गौशाला बहकर नदी में समा गए।
पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते सिंचाई विभाग को काठगोदाम बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ा। इसके चलते कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी उफान पर आ गई है। इसका सबसे ज्यादा असर बिन्दुखत्ता और उधम सिंह नगर के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है, जहां नदी का तेज बहाव लगातार भू-कटाव कर रहा है।
गौला नदी ने अपना रुख गांव की ओर मोड़ लिया है, जिससे बिन्दुखत्ता क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। सबसे अधिक क्षति इंदिरा नगर इलाके में हुई है, जहां नदी ने बड़ी मात्रा में कृषि भूमि निगल ली है और आधा दर्जन से ज्यादा मकान इसकी चपेट में आ चुके हैं। जिला प्रशासन ने एहतियातन घरों को खाली करवा दिया है। मजबूरी में कई लोग खुद ही अपने घरों को तोड़कर जरूरी सामान और ईंटें निकाल रहे हैं।
गौला नदी के अलावा भाखड़ा नदी भी इस वक्त विकराल रूप धारण किए हुए है, जिससे आसपास के इलाकों में जबरदस्त भू-कटाव हो रहा है। वहीं कोसी नदी ने भी रामनगर तहसील के चुकुम गांव में तबाही मचाई है। मंगलवार को दो मकानों और एक गौशाला के बह जाने की घटना ने गांव वालों को दहशत में डाल दिया है।