कांग्रेस पार्टी एक बार फिर आंतरिक विवादों के चलते सुर्खियों में है। इस बार मामला सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पार्टी की जोनल समीक्षा बैठक के दौरान गोरखपुर में खुलेआम मारपीट हो गई। गोरखपुर के देवरिया बाईपास स्थित सत्यम लॉन में रविवार को आयोजित बैठक में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी और गोला ब्लॉक अध्यक्ष जय प्रकाश तिवारी पर हमले का आरोप सामने आया।
बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय, राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इसी दौरान पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी अपने सहयोगियों — जय प्रकाश तिवारी, अवधेश मणि त्रिपाठी, विपिन मिश्रा, चुन्नू दुबे, सुबास दास, सुराली प्रसाद, सुखराम यादव और अभिनव गुप्त के साथ बैठक स्थल पर पहुंचे। उनका कहना था कि वे राष्ट्रीय महासचिव को क्षेत्रीय समस्याओं से संबंधित ज्ञापन देने आए थे।
सच्चिदानंद तिवारी के अनुसार, जैसे ही वे नेताओं से मिलने पहुंचे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश कुमार तिवारी ने अपने समर्थकों के साथ उन पर हमला कर दिया। तिवारी का आरोप है कि उनके हाथ और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं, और उन पर धारदार हथियार से वार किया गया। जय प्रकाश तिवारी को भी मारने की बात कही गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी का झंडा उनसे छीनकर फाड़ दिया गया और उसी के डंडे से पिटाई की गई।
रामगढ़ताल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। सच्चिदानंद तिवारी ने पुलिस को दी तहरीर में जिलाध्यक्ष राजेश कुमार तिवारी के अलावा श्रीरिश उपाध्याय, विनोद पांडेय, जय गोविंद, आलोक शुक्ला, उत्कर्ष पांडेय समेत 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और जानलेवा हमले की शिकायत दर्ज कराई है।
सच्चिदानंद तिवारी ने यह भी दावा किया कि इससे पहले 10 जुलाई को पार्टी कार्यालय में भी उनके साथ मारपीट की गई थी। बावजूद इसके, उन्हें बैठक में बुलाया गया, लेकिन वहां उन पर हमला हुआ।
इस घटना ने एक बार फिर कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी को उजागर कर दिया है। वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हुई इस हिंसक घटना को लेकर स्थानीय कार्यकर्ता और जनता में पार्टी की छवि को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अभी तक पार्टी की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।