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दहशत…..हंसते-खेलते नहीं बंदूक के साये में पढ़ने गए बच्चे

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रामनगर। आपने बच्चों को हंसते-खेलते और गाते हुए स्कूल जाते तो देखा होगा, लेकिन ऐसा शायद ही देखा हो कि बंदूक के साये में बच्चे जाएं। लेकिन यह बात सच है। रामनगर के राकजीय इंटर कॉलेज ढैला के पटरानी इलाके में रहने वाले बच्चों को सोमवार को बंदूक की सुरक्षा में ही स्कूल लाया और ले जाया गया।

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दरअसल, यहां दो दिन पूर्व ढेला में जंगल में लकड़ी बीनने गई महिला कलादेवी को बाघ ने मार दिया था। तब से ही ढेला के ग्रामवासियों और पटरानी से ढेला इंटर कालेज पढ़ने आने वाले 80 से अधिक बच्चों को भी पूर्ण सुरक्षा की मांग उठ रही थी। जिस इलाके में बाघ ने महिला को शिकार बनाया था, इस इलाके से पटरानी निवासी बच्चे राजकीय इंटर कॉलेज ढेला के लिए जाते हैं।

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इस मामले में इंटर कॉलेज के शिक्षकों के द्वारा वन विभाग के कर्मियों के साथ लगातार समन्वय बनाया जा रहा है और कॉलेज जाते वक्त और कॉलेज से घर आते वक्त बच्चों को पूरी सुरक्षा दी जा रही है। इस बीच बच्चों को लाने, ले जाने के लिए वाहन की मांग की भी बात सामने आ रही है, सोमवार को बच्चों को लाने वालों में कार्बेट टाइगर रिजर्व के गोधन सिंह, वन आरक्षी, तेजपाल रावत, कुबेर बंगारी शामिल रहे।

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हिल दर्पण डेस्क

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