उत्तराखंड एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां ग्राम पंचायत नसीरपुर कलां में महिला ग्राम प्रधान की जगह उनके पति ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के रूप में बैठक में भाग लिया। इस कदम से वहां तीखी नोंकझोंक हो गई, और अंततः जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने प्रधान के पति को अपनी कुर्सी से उठाकर बैठक को रद्द कर दिया।
दरअसल यह वाकया हरिद्वार जिले के पथरी क्षेत्र में मंगलवार को सामने आया। जहां जिलाधिकारी के आदेश पर नसीरपुर कलां पंचायत में खुली बैठक का आयोजन किया गया था, लेकिन बैठक शुरू होने से पहले ही जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, डॉ. सविता पंवार ने प्रधान के नहीं होने पर उनके प्रतिनिधि से परिचय लिया।
जब प्रतिनिधि ने खुद को ग्राम प्रधान का पति बताया, तो अधिकारियों में असमंजस पैदा हो गया। इसके बाद, डॉ. पंवार ने प्रधान के पति को कुर्सी से उठाकर बैठक को स्थगित कर दिया। पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि प्रधान की तबीयत ठीक होने के बाद ही बैठक का अगला आयोजन किया जाएगा। यह घटना ग्राम पंचायत स्तर पर महिलाओं की भूमिका और उनके अधिकारों को लेकर सवाल उठाती है, और स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती बनकर सामने आई है।