उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा दिया गया विवादित बयान अब राज्य में राजनीतिक तूफान का रूप ले चुका है। इस बयान के बाद से जहां मंत्री ने खेद प्रकट किया है, वहीं सोशल मीडिया और सड़कों पर इसका विरोध थमता हुआ नहीं दिख रहा।
भले ही मंत्री ने सदन में अपनी गलती मानी हो, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में यह मामला राजनीतिक रूप से और ज्यादा गर्माता जा रहा है। विधायक बिशन सिंह चुफाल ने एक बयान में कहा है कि कि मंत्री को अपनी बात रखते वक्त संयम बरतना चाहिए था, लेकिन अब चूंकि मंत्री ने खेद प्रकट कर दिया है, तो इस मामले को यहीं समाप्त कर दिया जाना चाहिए। हालांकि, इसके बावजूद मामला सुलझता नहीं दिख रहा है और राजनीतिक हलकों में इसकी गूंज बनी हुई है।
मंत्री के बयान का विरोध अब कांग्रेस विधायक लखपत सिंह बुटोला ने भी उठाया है, जिन्होंने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी आवाज़ उठाई। उनके समर्थक भी खुले तौर पर उनकी हिम्मत की सराहना कर रहे हैं, और कई लोग उनके घर तक पहुँचकर समर्थन जता रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के विधायक ने यह भी सवाल उठाया कि जो विधायक सदन में खड़े होकर इस बयान का विरोध नहीं कर पाए, उन्हें अपनी भूमिका पर विचार करना चाहिए।
मंत्री के बयान से उभरे इस विवाद के बाद पर्वतीय क्षेत्रों से चुने गए विधायक भी चिंतित हैं, क्योंकि यह मामला इन क्षेत्रों में भी राजनीतिक तौर पर चर्चा का विषय बन चुका है। राजनीतिक पर्यवेक्षक अब इसे एक संभावित बदलाव की ओर संकेत मान रहे हैं, जिसमें स्थानीय मुद्दों और जनता की भावनाओं का महत्वपूर्ण स्थान हो सकता है।