उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की ग्राम सभा सिनोना में बीडीसी सदस्य पद के चुनाव में गड़बड़ी के एक मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने अहम आदेश जारी किया है। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता की चुनाव याचिका का निस्तारण होने तक मतों को नष्ट न किया जाए।
यह मामला बीडीसी सदस्य पद की उम्मीदवार शिवानी राणा की ओर से दायर याचिका से जुड़ा है। याचिका में उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि उनके पड़े मतों की दोबारा गिनती (री-काउंटिंग) कराई जाए। उनका आरोप है कि मतगणना के दौरान जब उनके एजेंट ने री-काउंटिंग की मांग की तो रिटर्निंग अधिकारी ने इसे खारिज कर दिया।
शिवानी राणा ने बताया कि ग्राम सभा सिनोना में 3,206 मतदाता थे। चुनाव 24 जुलाई को हुआ और परिणाम 31 जुलाई को घोषित हुआ। विजेता को 1,447 मत मिले जबकि उन्हें 1,438 वोट प्राप्त हुए। विपक्षी उम्मीदवार नंबर दो को 256 वोट और 65 वोट अवैध घोषित हुए। इस तरह विजेता को महज 9 वोटों से विजयी घोषित किया गया।
मतगणना में अनियमितता का आरोप लगाते हुए शिवानी राणा ने 6 अगस्त 2025 को जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में चुनाव याचिका दायर की, लेकिन वहां से कोई निर्णय नहीं मिला। मजबूरन उन्हें नैनीताल हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा। अब कोर्ट के आदेश से यह सुनिश्चित हो गया है कि जब तक याचिका का अंतिम निर्णय नहीं होता, तब तक चुनावी मतों को सुरक्षित रखा जाएगा।
यह मामला अब हाईकोर्ट की निगरानी में है और अगली सुनवाई में तय होगा कि री-काउंटिंग होगी या नहीं।