इवेंट उत्तराखण्ड गढ़वाल देहरादून हिल दर्पण

बोले सीएम धामी…संस्कृत के संरक्षण और संवर्द्धन के प्रयास, इन्हें मिला सम्मान

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 261 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

इस अवसर पर 10वीं और 12वीं के 24 मेधावी छात्रों को संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान 2024-25 के तहत क्रमशः ₹5100, ₹4100 और ₹3100 की धनराशि प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव आंबेडकर अनुसूचित जाति-जनजाति संस्कृत छात्रवृत्ति योजना और गार्गी संस्कृत बालिका छात्रवृत्ति योजना के तहत भी छात्रों और छात्राओं को सम्मानित किया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में भीषण हादसा... कार के उड़े परखच्चे, चालक की मौत

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों का उल्लेख करते हुए ‘गार्गी संस्कृत बालिका छात्रवृत्ति योजना’ और ‘डॉ. भीमराव आंबेडकर अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रवृत्ति योजना’ की शुरुआत की जानकारी दी, जिसके तहत ₹3012 वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के 13 जनपदों में संस्कृत ग्राम विकसित किए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  चलते वाहन में लगी आग...मधुमक्खियां जली, ऐसे बची दो लोगों की जान

इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक सरिता कपूर, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला, निदेशक संस्कृत शिक्षा आनंद भारद्वाज सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड मौसम...बिगड़े मिजाज के बीच आई ये अपडेट
हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में