हल्द्वानी के मंगल पड़ाव स्थित मीट मार्केट को चार माह के भीतर विस्थापित करने का आदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और नगर निगम को दिया है। यह आदेश मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने अतिक्रमण हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचिकाकर्ता हल्द्वानी निवासी विजय पाल सिंह और अन्य ने अदालत में दायर याचिका में दावा किया कि वे 1960 से मंगल पड़ाव में मीट का कारोबार कर रहे हैं और नगर निगम ने उन्हें इस व्यवसाय के लिए लाइसेंस भी दिया था। उनका कहना था कि पहले चोरगलिया और रामपुर रोड में मीट मार्केट थी, जिसे नगर पालिका ने संचालित किया, लेकिन बाद में नगर निगम बनने पर उन्हें मंगल पड़ाव शिफ्ट कर दिया गया।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम ने 31 मार्च को उन्हें नोटिस जारी किया और 4 अप्रैल को ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया, जबकि उन्हें सुनवाई का मौका तक नहीं दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से मांग की थी कि उन्हें तब तक कारोबार करने की अनुमति दी जाए, जब तक उनकी पुनर्वास व्यवस्था पूरी नहीं हो जाती।
हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार और नगर निगम को चार माह के भीतर बाजार को विस्थापित करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही याचिकाकर्ताओं की विस्थापन की व्यवस्था की दिशा में कदम उठाने के लिए भी कहा।