हल्द्वानी दंगा मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत याचिका पर सोमवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस याचिका पर आपत्तियां पेश करने के लिए दो हफ्तों का समय दिया है। अगली सुनवाई इसी अवधि के बाद निर्धारित की गई है।
अब्दुल मलिक ने अपनी जमानत याचिका में आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और वह घटना के दिन घटना स्थल पर मौजूद नहीं था। उसने दलील दी कि उसके खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और अन्य धाराओं के तहत लगाए गए आरोप गलत हैं।
राज्य सरकार ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए जवाब देने के लिए समय की मांग की। सरकार की ओर से पेश की गई आपत्ति के आधार पर अदालत ने दो हफ्ते का समय दिया है।
अब्दुल मलिक की जमानत याचिका पहले एकलपीठ द्वारा खारिज की जा चुकी थी। इसके बाद आरोपी ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ में अपील की। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और एकलपीठ की खारिजी को चुनौती दी।
यह मामला 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने के दौरान उत्पन्न हुए दंगे से जुड़ा है। दंगे में एक विशेष समुदाय के लोगों ने बनभूलपुरा थाना में आगजनी, तोड़फोड़ और हमले किए थे, जिससे 5 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में लगभग 100 लोगों को गिरफ्तार किया है और अब्दुल मलिक के खिलाफ यूएपीए सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।