भीमताल बस हादसे में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षा की गंभीर स्थिति को दर्शाती है। आमडाली क्षेत्र में तीव्र मोड़ वाली जगह पर स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने दस महीने पहले ही लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) के अधिकारियों को चेताया था, लेकिन अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज किया। इस मुद्दे को लेकर विधायक रामसिंह कैड़ा ने भी अधिकारियों से बात की थी, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
16 फरवरी 2024 को, आमडाली के ग्रामीणों—जैसे पुलक रंजन शुक्ल, सरोज कांडपाल, रेवती कांडपाल, मयंक कांडपाल और अन्य—ने विधायक के माध्यम से लोनिवि को यह बताया था कि इस मोड़ पर लगातार हादसे हो रहे हैं और तेज रफ्तार वाहनों की वजह से दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है। उन्होंने स्पीड ब्रेकर की मांग की थी, और विधायक ने मौके का निरीक्षण करने के बाद अधिशासी अभियंता को निर्देश भी दिए थे। इसके अलावा, विधायक के हस्ताक्षर से एक पत्र भी भेजा गया था, लेकिन फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
नतीजा यह हुआ कि बुधवार को यहां एक बड़ा बस हादसा हुआ, जिसमें कई लोग घायल हुए। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर समय रहते स्पीड ब्रेकर बनवाए गए होते, तो यह हादसा टल सकता था। यह हादसा सिर्फ प्रशासन की लापरवाही का ही नहीं, बल्कि पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा प्रबंधों की कमी का भी ज्वलंत उदाहरण बन गया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या लापरवाही के इस सिलसिले को खत्म किया जाएगा, या फिर आने वाले दिनों में और जानमाल की क्षति का सामना करना पड़ेगा?