पिथौरागढ़। विकास खंड मुनस्यारी और धारचूला के त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों ने दोनों विकास खंडों को इनर लाइन की परिधि में लाने की मांग को लेकर 4 मार्च से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दोनों विकास खंडों को बाहरी लोगों से बचाने के लिए इनर लाइन की आवश्यकता है। इस दौर में इनर लाइन की आवश्यकता और प्रबल हो गई है।
गोरी तथा काली नदी के संगम में स्थित पंचायत घर जौलजीबी में आयोजित दोनों विकास खंडो के त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों की महापंचायत में यह फैसला लिया गया। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के कार्यक्रम संयोजक तथा मुनस्यारी के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि जनता से बिना राय लिए बगैर समय-समय पर सरकारों में इनर लाइन की सीमा को जौलजीबी तथा नोलड़ा से खिसकाते हुए अब चीन सीमा तक पहुंचा दिया है। बताया कि मुनस्यारी में लाखुरी भेल तथा धारचूला में छियालेख से आगे का इलाका अब इनर लाइन की परिधि में है। जिसका कोई औचित्य नहीं नहीं है।
उन्होंने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर दोनों क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों तथा आम जनता को इनर लाइन के संघर्ष में अपनी आहुति देनी होगी। महापंचायत में तय किया गया है कि 4 मार्च को तहसील मुनस्यारी, तेजम, बंगापानी तथा धारचूला से भारत के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा जाएगा। ज्ञापन में दोनों विकास खंडों की चीन सीमाओं से इनर लाइन को प्रवेश द्वार में शिफ्ट किए जाने की मांग की जाएगी। तय किया कि 7 मार्च को जिलाधिकारी के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्री तथा राज्य के मुख्यमंत्री को पुनः ज्ञापन भेज कर इस मांग का स्मरण कराया जाएगा। उसके बाद 12 मार्च को मुनस्यारी विकासखंड के नौलडा में इस मांग के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
धारचूला विकासखंड के जौलजीबी में 15 मार्च को इसी मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। महापंचायत में तय किया गया है कि इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री, भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री से मुलाकात किए जाने के लिए प्रतिवेदन भेजा जाएगा। तय किया गया है कि 15 मार्च तक के आंदोलन के बाद आगे की रणनीति घोषित की जाएगी। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए दोनों विकास खंडो के समस्त जन संगठनों, व्यापार मंडलों, राजनीतिक संगठनों से सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही एक कोर कमेटी भी गठित की जाएगी।
महापंचायत में मुनस्यारी की क्षेत्र प्रमुख भावना देवी, ग्राम प्रधान संगठन धारचूला के अध्यक्ष गोपाल सिंह मेहता, ग्राम प्रधान संगठन मुनस्यारी के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमय्या, जिला पंचायत सदस्य गंगोत्री दत्ताल, क्षेत्र पंचायत सदस्य रेखा देवी, मनोज कुमार, ग्राम प्रधान सरस्वती देवी, गीता परिहार, जमन सिंह दत्ताल, पुष्पा धर्मसत्तू, संजीव सिंह, मुनस्यारी के क्षेत्र प्रमुख प्रतिनिधि देवराम, जौलजीबी के प्रधान प्रतिनिधि धीरेंद्र सिंह धर्मसत्तू आदि ने विचार व्यक्त किए। महापंचायत में दोनों विकास खंडों के पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यकाल नहीं बढ़ा तो लोस चुनाव का होगा बहिष्कार
मुनस्यारी और धारचूला विकास खंडो के त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ने 2 वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर महापंचायत में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किए जाने की का प्रस्ताव पारित किया। कहा कि अगर राज्य सरकार ने कानूनी आधार होने के बाद भी त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल 2 साल नहीं बढ़ाया तो सीमा क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। इस आशय का प्रस्ताव इस महापंचायत से उत्तराखंड त्रिस्तरीय संगठन के राज्य संचालन समिति को भेजने का निर्णय भी लिया गया।
पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि वर्ष 2001 में उत्तराखंड की सरकार ने एक वर्ष तीन माह का कार्यकाल बढ़ाया है। समय-समय पर विभिन्न राज्यों ने अध्यादेश लाकर दो से तीन वर्ष का कार्यकाल बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि सरकार के सम्मुख कोई भी कानूनी अड़चन इस मांग को पूरा करने के लिए नहीं है। इस महापंचायत के माध्यम से उत्तराखंड की धाकड़ धामी सरकार से 2 वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की विनती भी की गई है।
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