उत्तराखण्ड गढ़वाल जन मुद्दे देहरादून हिल दर्पण

रजत जयंती वर्ष… राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ उत्तराखंड का भव्य उत्सव

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड 9 नवंबर को अपना 25वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस खास मौके को रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है ताकि प्रदेशवासियों के लिए यह आयोजन यादगार बन सके। इस अवसर पर देहरादून स्थित विधानसभा भवन में दो दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन भी किया जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  सनसनीखेज... कैंची धाम में युवक की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत

सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के मुताबिक, इस विशेष सत्र में उत्तराखंड की 25 वर्षों की विकास गाथा और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड विधानसभा के इस सत्र को संबोधित कर सकती हैं। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी रजत जयंती महोत्सव में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

यह भी पढ़ें 👉  एक चूक से बड़ा हादसा!...खाई में समाया ईंधन टैंकर, दीपावली से पहले टला बड़ा ब्लास्ट

हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक में विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को तिथियों के निर्धारण का अधिकार दिया गया है। विधानसभा सचिवालय इस सत्र को भव्य और दिव्य रूप में आयोजित करने की तैयारी में है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी में आग का तांडव... रेस्टोरेंट हुआ पूरी तरह खाक, मचा हड़कंप

उत्तराखंड सरकार राज्य स्थापना दिवस को भव्य रूप से मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, ताकि इस रजत जयंती महोत्सव को प्रदेश के लिए एक यादगार आयोजन बनाया जा सके।

Ad
हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में