उत्तराखंड में एक ग्राम प्रधान को फर्जी दस्तावेज लगाना महंगा पड़ गया। इस पर रुड़की के किशनपुर जमालपुर गांव की ग्राम प्रधान प्रवीन बानो का निर्वाचन और पद निरस्त कर दिया गया है।
उप जिलाधिकारी की अदालत ने उनके द्वारा प्रस्तुत शैक्षिक प्रमाणपत्र को फर्जी मानते हुए यह निर्णय लिया है। अब डीपीआरओ और खंड विकास अधिकारी को आदेश दिया गया है कि वे तुरंत ग्राम प्रधान से चार्ज लेकर नए चुनाव की प्रक्रिया शुरू करें।
यह मामला वाजिद अली द्वारा 31 अक्टूबर 2022 को दायर याचिका से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रवीन बानो ने वर्ष 2022 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कक्षा आठ का फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को अपना निर्णय सुनाया।
अदालत के आदेश के अनुसार, प्रवीन बानो का प्रमाणपत्र नियमों के विरुद्ध पाया गया है, जिससे उनका निर्वाचन अमान्य कर दिया गया। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को भी शैक्षिक प्रमाणपत्र को निरस्त करने की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इस निर्णय के बाद पंचायती राज विभाग भी सक्रिय हो गया है, जिससे जल्द ही नए चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।