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खुश खबरी……..सभी बाधाएं हुई दूर, जल्द अस्तित्व में आएगा जमरानी बांध

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देहरादून। जमरानी बांध के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की स्थायी समिति की बैठक में परियोजना हेतु वांछित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की एनओसी हेतु सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई है।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के जनपद नैनीताल में गोला नदी पर बहुप्रतिक्षित जमरानी बांध परियोजना जिसकी लागत 2584.10 करोड रूपए है को अक्टूबर 2023 में प्रधानमंत्री भारत सरकार की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में पी०एम०के०एस०वाई० ए०आई०बी०पी० योजना के अन्तर्गत सम्मिलित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

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सिंचाई मंत्री श्री महाराज ने कहा कि प्रस्तावित परियोजना से हल्द्वानी शहर की वर्तमान जनसंख्या लगभग 4.80 लाख एवं वर्ष 2051 हेतु आंकलित जनसंख्या 10.51 लाख को वार्षिक 42.70 एम०सी०एम० पेयजल उपलब्ध कराये जाने एवं उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश राज्यों के चार जनपदों के 57065 है0 क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्राविधान है।

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उन्होंने बताया कि माह जनवरी 2024 में परियोजना हेतु राष्ट्रीय वन्य जीवन बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की स्थायी समिति की बैठक में परियोजना हेतु वांछित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की एनओसी हेतु सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई है। उक्तानुसार स्वीकृतियां प्राप्त हो जाने से परियोजना निर्माण हेतु सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो गई हैं, जिससे बांध को धरातल पर उतारने की कार्यवाही सम्भव हो पायी है।श्री महाराज ने परियोजना स्वीकृति हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री,भूपेन्द्र यादव, केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट   को बधाई देते हुए उनका आभार व्यक्त किया है।

हिल दर्पण डेस्क

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