हैरान कर देने वाले मामले में कुंवारी लड़कियों को गर्भवती बता दिया गया। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के रमना ग्राम पंचायत स्थित मलहिया गांव में हुई इस घटना ने गांव से लेकर प्रशासन तक हलचल मचा दी। दिवाली के दौरान, 40 कुंवारी लड़कियों को मोबाइल पर एक संदेश मिला, जिसमें उन्हें गर्भवती और स्तनपान कराने वाली मां बताया गया। इस संदेश में लिखा था कि वे आंगनबाड़ी केंद्र से पोषण सहायता और अन्य सेवाओं का लाभ ले सकती हैं।
इस संदेश ने लड़कियों और उनके परिवारों को सकते में डाल दिया। परिवारवालों ने तुरंत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क किया, लेकिन जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने अपनी गलती स्वीकारने की बजाय उल्टे उन पर ही गुस्से का इज़हार किया, तो स्थिति और बिगड़ गई। इसके बाद परिवारवालों ने ग्राम प्रधान को इसकी शिकायत की, और मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा।
मामले की जांच शुरू की गई, और यह पता चला कि यह गलती आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा की गई थी। कार्यकर्ता ने वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए सभी लड़कियों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी ली थी। लेकिन एक मानवीय चूक के कारण दोनों तरह के फार्मों को मिला दिया गया, जिससे लड़कियों का पंजीकरण पोर्टल पर गर्भवती के रूप में हो गया। इसके बाद इन लड़कियों को गलत तरीके से संदेश भेजे गए।
वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल ने इसे मानवीय त्रुटि मानते हुए जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि किसी भी लड़की को पोषण योजना के तहत कोई राशन या लाभ नहीं दिया गया था।
सीडीओ ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) का काम भी करती हैं, और समरी रिवीजन के दौरान 18 साल से ऊपर के लोगों के आधार कार्ड और फार्म एकत्र कर रही थीं। दोनों कामों के फार्मों को मिलाने के कारण यह गलत पंजीकरण हुआ। जैसे ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को इस गलती का एहसास हुआ, उसने पोर्टल पर उन लड़कियों का रजिस्ट्रेशन और डाटा हटा दिया।