नैनीताल। भारत के 16वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड की आर्थिक संरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से नैनीताल के होटल नमः में पर्यटन, उद्योग संघों और व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श बैठक आयोजित की। आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आयोग के सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांति घोष, सचिव ऋत्विक पांडे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में राज्य के आर्थिक विकास को गति देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों और समाधानों पर चर्चा की गई। प्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय समस्याओं, विकास की बाधाओं और नीति सुझावों को सामने रखा।
होटल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के वेद प्रकाश साह ने नैनीताल और मसूरी जैसे हिल स्टेशनों को स्मार्ट और सतत शहरों के रूप में विकसित करने की जरूरत बताई। उन्होंने पर्यावरण अनुकूल मास्टर प्लान की सिफारिश की जिसमें वर्षा जल संचयन, कचरा प्रबंधन, केबल कार और PPP मॉडल आधारित पार्किंग व्यवस्था शामिल हो। नैनीताल होटल एसोसिएशन के दिग्विजय सिंह बिष्ट ने सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के विकास पर बल दिया और पर्यटन को पलायन रोकने का साधन बताया।
एस्ट्रो-टूरिज्म के राम आशीष राय ने “डार्क नाइट जोन” विकसित करने और “नक्षत्र सभा” जैसे मॉडल को आगे बढ़ाने की बात की। वहीं ट्रेक द हिमालयास के राकेश पंत ने धार्मिक ट्रेकिंग मार्गों के पुनरुद्धार की मांग रखी। वैलनेस टूरिज्म पर ध्यान देते हुए ओम कल्याण ग्रुप के सचिन त्यागी ने कौशल विकास अकादमी की स्थापना का प्रस्ताव दिया।
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के पंकज गुप्ता ने टैक्स हॉलिडे, आपदा बीमा कोष और विनियमन में ढील जैसे उपाय सुझाए। उन्होंने लॉजिस्टिक पार्क और आपदा-रोधी ढांचे के विकास की भी सिफारिश की।
कुमाऊँ-गढ़वाल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अशोक बंसल ने केंद्र की सब्सिडी योजनाओं की बहाली और ₹5000 करोड़ के विशेष औद्योगिक फंड की मांग की। हरेंद्र गर्ग ने भवन संहिता संशोधन, GST रिफंड प्रक्रिया की पारदर्शिता और उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना पर जोर दिया।
CII के हर्षित गुप्ता ने SEZ, नए औद्योगिक क्षेत्र और MSMEs को आपदा नीति में शामिल करने की बात कही। लघु उद्योग भारती के राहुल देवदंड ने “ग्रीन बोनस”, “हिल इंडेक्स” और पहाड़ी राज्यों के लिए अलग मंत्रालय की आवश्यकता जताई।
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के नवीन वर्मा ने हिमालयी नदियों के संरक्षण हेतु आर्थिक पैकेज और सीमावर्ती जिलों के व्यापारियों के लिए परिवहन सब्सिडी की मांग रखी। उन्होंने राज्य को पॉलिथीन मुक्त बनाने और आपदाग्रस्त व्यापारियों को राहत पैकेज दिए जाने की आवश्यकता बताई।
वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने सभी सुझावों को सराहते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले बिंदुओं पर गहन विचार किया जाएगा। आयोग 31 अक्टूबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा और उत्तराखंड जैसी विशेष आवश्यकताओं वाले राज्यों को यथासंभव लाभ देने का प्रयास करेगा।
बैठक में राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए जिनमें सचिव वित्त दिलीप जावलकर, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, जिलाधिकारी वंदना, अपर सचिव सोनिका और हिमांशु खुराना प्रमुख थे। बैठक का संचालन महानिदेशक उद्योग प्रतीक जैन और अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद ने किया।