महिला से कथित तौर पर हुए गैंगरेप मामले में अब नया मोड़ आ गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने कसौली गैंगरेप मामले में सबूतों की कमी का हवाला देते हुए हरियाणा भाजपा प्रमुख मोहन लाल बडोली और सिंगर रौकी मित्तल के खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द कर दिया है। पुलिस ने बताया कि पीड़िता और गवाहों के बयान में विरोधाभास पाया गया, और बडोली तथा मित्तल के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले। इसके साथ ही पीड़िता ने मेडिकल जांच से भी इंकार कर दिया था, और होटल से संबंधित कोई सीसीटीवी फुटेज भी नहीं मिला।
इस मामले की जांच में पुलिस ने 18 लोगों के बयान दर्ज किए, लेकिन गवाहों की बातों में भी अंतर था। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस ने मामले को बंद कर दिया और एफआईआर को रद्द कर दिया। वहीं, हरियाणा पुलिस ने महिला पर और तीन अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें महिला पर आरोप है कि उसने बलात्कार के मामले में समझौता करने के बदले रौकी मित्तल से 50 लाख रुपये की मांग की थी। पंचकूला के सेक्टर 5 थाने में यह एफआईआर दर्ज की गई है।
रौकी मित्तल ने पुलिस को बताया कि महिला ने उन्हें 21 और 22 जनवरी को मिस्ड कॉल की, और बाद में जब उन्होंने उसे कॉल बैक किया, तो उसने पैसे की मांग की। मित्तल के मना करने पर महिला ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। इस आधार पर हरियाणा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है, जिसमें जबरन वसूली और आपराधिक धमकी के आरोप लगाए गए हैं।