उत्तराखण्ड एक्सीडेंट कुमाऊं हल्द्वानी हिल दर्पण

हल्द्वानी में भीषण अग्निकांड… टेंट हाउस में धधकी आग, मची अफरा-तफरी

खबर शेयर करें -

हल्द्वानी में मंगलवार की सुबह भीषण अग्निकांड हो गया। यहां डहरिया पार्वती बिहार स्थित एन के टेंट हाउस में अचानक आग लग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

यह भी पढ़ें 👉  माफियाओं का काला कारनामा!...उत्तराखंड में पेड़ कटे और वनकर्मियों को भी नहीं छोड़ा

टेंट हाउस के मालिक महेश कबड़वाल ने बताया कि इस हादसे में करीब छह लाख रुपये की टेंट सामग्री, एक मोटरसाइकिल और उनका पालतू कुत्ता जलकर खाक हो गया। उन्होंने बताया कि आग संभवतः पास में मौजूद शरारती तत्वों द्वारा लगाई गई, जो कथित रूप से स्मैक का सेवन कर रहे थे और लापरवाही से जलती हुई आग वहीं छोड़ गए थे।

यह भी पढ़ें 👉  पर्यटक ने की शर्मनाक हरकत...बच्चियों से छेड़खानी के बाद तानी रिवाल्वर! ग्रामीणों ने धुना

स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में नशेड़ी युवकों की आवाजाही बढ़ गई है, जिससे इस तरह की घटनाओं का खतरा बना रहता है। उनका कहना है कि प्रशासन को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड..इन अफसरों की तैनाती पर शासन सख्त

दमकल विभाग ने अपनी तत्परता से आग पर काबू तो पा लिया, लेकिन तब तक टेंट हाउस का अधिकांश सामान जलकर राख हो चुका था। घटना के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में