उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में आगामी दिनों में भी बारिश का दौर जारी रहेगा। बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हो रही एक नई मौसम प्रणाली के कारण मॉनसून की मार फिलहाल और बढ़ सकती है।
राज्य में अगस्त की शुरुआत से भारी बारिश का सिलसिला बना हुआ है। कई क्षेत्रों में एक घंटे में 60 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की जा रही है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान बताता है कि यह स्थिति सितंबर के अंत तक बनी रह सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले छह दिनों तक राज्य के मैदानी और पर्वतीय जिलों में बारिश का असर बना रहेगा। हालांकि, महीने के अंतिम सप्ताह में मैदानी जिलों में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन पर्वतीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी।
इस बीच, बंगाल की खाड़ी में एक नया वेदर सिस्टम विकसित हो रहा है, जो आने वाले सप्ताह में बारिश की तीव्रता को फिर से बढ़ा सकता है।
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के लिए देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया है। कुछ इलाकों में तेज बारिश की भी आशंका जताई गई है।
21 और 22 सितंबर: राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना। कुछ क्षेत्रों में आंशिक राहत मिल सकती है। 23 से 25 सितंबर: पर्वतीय जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा के आसार, जबकि मैदानी इलाकों में मौसम अपेक्षाकृत साफ रह सकता है।
लगातार हो रही बारिश के कारण पर्वतीय इलाकों में हल्की वर्षा भी भूस्खलन का कारण बन सकती है। इस स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने यात्रियों और स्थानीय निवासियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
इसके अलावा, नदी-नालों और गदेरों के किनारे रहने वाले लोगों को भी चेतावनी दी गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।