उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में दो साल की मासूम बच्ची की गुमशुदगी रहस्यमय हादसे में बदल गई। 45 घंटे की तलाश के बाद बच्ची का शव उसके घर से लगभग 40 मीटर दूर स्थित मछली पालन के तालाब से बरामद हुआ। शव मिलने के बाद परिवार की सारी उम्मीदें टूट गईं। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम बाबरखेड़ा निवासी अशफाक की दो वर्षीय बेटी लाईबा रविवार दोपहर करीब तीन बजे अचानक घर के बाहर से लापता हो गई थी। परिजनों ने हर जगह तलाश की, लेकिन जब बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला तो थाने में तहरीर देकर मदद की गुहार लगाई। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर रुद्रपुर से फोरेंसिक टीम और काठगोदाम से डॉग स्क्वायड को बुलाकर तलाश अभियान शुरू किया, पर सोमवार तक कोई सफलता नहीं मिली।
मंगलवार सुबह एक बार फिर फोरेंसिक टीम, डॉग स्क्वायड और जल पुलिस ने गांव में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान गांव की आवाजाही रोक दी गई थी। डॉग “टाइगर” सूंघते हुए करीब 40 मीटर दूर एक मत्स्य तालाब पर जाकर रुक गया। इसके बाद जल पुलिस कर्मी तालाब में उतरे और करीब पौने 12 बजे बच्ची का शव बरामद किया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, लाईबा की मौत डूबने से हुई है। पिता अशफाक ने बताया कि उनके पाँच बच्चों में लाईबा सबसे छोटी थी और घटना के समय उनकी पत्नी घर पर कपड़े धो रही थीं।
सीओ काशीपुर दीपक सिंह के अनुसार, जिस तालाब से शव मिला वह घर से लगभग 30–40 मीटर की दूरी पर है और आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई गई है कि बच्ची संभवतः खेत जा रहे पिता के पीछे चली गई होगी और तालाब के किनारे पैर फिसलने से डूब गई।


